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» »Unlabelled » अखिलेश द्विवेदी "अकेला " (दिल के पन्ने )




1.क्या बात है?
छोड़ क्यूँ दी कलाई यूँ चलते हुए
रुक गये हो वहीं पर क्या बात है !

वायदे तो तुम्हारे थे दिल पर लिखे
बताओ क्या तुम्हारी वो खैरात है।

पत्तियां झड़ रही हैं पेड़ों से अब
क्यों ये मौसम बदलने को बेताब है।

कुछ जो रिश्ते हैं बनते बिना नाम के
ज़ुल्फों की बदलियों से भरी रात है।

रह गयी थीं जो बातें वो अनकही
मन में मेरे मचलते वो जज़्बात हैं।

आँखों से क्यूँ टपकते ये मोती नहीं
इसमें इतना छुपाने की क्या बात है!

2.कविता ---- कुंठा
घर के बाहर / वीरानी सड़क पर
मुसाफिरों को / ठंडी छाँव / देने के लिए
लगाया / एक चैतन्य सा / नीम का पेड़
शुरू में बढ़ा / दिन दूनी-रात चौगुनी
पर इन दिनों / पतझड़ का भी समय नहीं
पौधा कुछ रूखा है / कुछ सूखा है
सारा दिन नजर रखी / वजह बता चली
लोगों में भरी बेरुखी देखकर / कई बार आँखें मली
जो भी उसके पास से/ पैदल गुजरता / सुबह-शाम
नब्बे प्रतिशत लोग / करते एक काम
किसी उधेड़बुन में / माथे पर बल लिए
मन में गुबार / पर होंठ सिले
घर की तकरार / साहूकार का उधार
परीक्षा में नंबर कम आना / माशूका का रूठ जाना
नौकरी का दबाब / बॉस का प्रभाव
उम्र के ढलते पड़ाव पर / मुसली -शिलाजीत लेने का दबाव
न जाने/ किन-किन / परेशानियों का पादुर्भाव
पता नहीं क्यों / लोग छोटे से पौधे पर
उतार देते हैं / कुंठा और अपनी खीझ
पसीने से भीगी / परेशानियों की कमीज
पौधे की / कोमल पत्तियों को/ फुनगी को
खुटककर / मसल देते हैं /चीखती है नीम /मासूम
किसी को न देखता देख / डंठल तक नोच लेते हैं
परेशानियां ख़त्म तो नहीं होतीं / फिर भी ...
मैंने महसूस किया / वह पहले से सोचकर नहीं आते
ऐसा नहीं है कि / पेड़-पौधे / उन्हें नहीं भाते
पैदल चलते / कुछ ठिठककर
उनके हाथ / स्वतः ही / जा ठहरते हैं प्रायः /पौधे पर ....|

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3.
ऊपर वाले की रहमत रहती जो मुझपे
कसमशाकार वह हाथ मलते बहुत हैं।

मुझसे कुछ न कहते न  ही   उलझते
मेरे  अपनों  को वह खलते बहुत हैं।

मेरे नाम की तालियां जब भी बजतीं
वाह के शब्द उनको सलते बहुत हैं।

मुझे छूने का हौंसला रखने वाले
मन  ही  मन में  गलते बहुत हैं।

 मेरी खुशियों को  नज़र वह लगाते
  क्यों लोग मुझसे जलते बहुत हैं।

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About dil ke panne

Hi there! I am Hung Duy and I am a true enthusiast in the areas of SEO and web design. In my personal life I spend time on photography, mountain climbing, snorkeling and dirt bike riding.
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