1अधूरा रिश्ता
पूर्णिमा की वो उजली रात
चाँद अपने पूरे सुरूर मे
अपनी चांदनी बिखेर कर
गर्वित हो रहा था
मै तुम्हारे और अपने
अधूरे रिश्ते की पहचान
ढूंढ रही थी ।
चांद मे तुम्हारा अक्स
देख रही थी
अपने रिश्ते को
पूरा करने की कोशिश
कर रही थी
यूं तो तुम मेरे साथ नही थे
फिर भी
तुम्हारी स्मृतियो की चांदनी के
आगोश मे डूब रही थी
आखो के कोरो पर कुछ
हलचल हो रही थी
होठ कुछ गुनगुनाना चाहते थे
मेरे व्याकुल ह्रदय मे
चांद का सौन्दर्य और
तुम्हारा अधूरा प्यार
दिल मे मेरे सिमट कर
मुझे झंकृत कर रहा था ।
2.अमिट छाप
तुम्हारी स्मृति की
अमिट छाप
बहुत गहरे अंकित है
मानस पटल पर मेरे
जो घनी अनजानी
धुंध को चीरती हुई
मेरे मन की सतह तक
दस्तक दे जाती है
और सब कुछ ऐसे साफ
प्रकाशित हो जाता है
जैसे पूर्णिमा का चांद अपनी
चांदनी बिखेर रहा हो
जब मै उस प्रकाश को
अपने अंदर समेटती हूं
तो तेरा साया मेरे भीतर
मुस्कराता है ।
3. अटूट बंधन
यादो की लहरों पर अक्सर दिल बहता है
तेरी याद का हर बंधन मुझे अच्छा लगता है
तू नही है किन्तु तेरी खामोशी का
मधुर राग मेरे कानो मे गूंजा करता है ।
दर्द भी तेरा कभी बंधन नही समझा
मीठा एहसास समझ अपनाया है ।
उम्र बढती है शरीर ढल जाता है
प्यार का बंधन हर पल और निखरता है ।
साथ साथ होते है एक बंधन मे, फिर भी
बीच राह मे हर इंसान अकेला हो जाता है
धूप छाँव का सफर यूं तो कट जाता है
तेरे प्यार के साये मे फिर जीने का मन करता है ।
नम आखो मे आज भी तेरे साथ के सपने है
तेरे साथ बिताए हर पल का एहसास पलता है
जैसे धरा का चांद - सूरज से बंधन है
साथ मेरे तेरी यादो का अटूट बंधन चलता है ।
4.एक मुट्ठी रेत
वो एक मुट्ठी रेत
जिस पर हमने
एक दूसरे का नाम लिखकर
साथ साथ चलने का
प्यारा वादा किया था
मैंने वो सहेज कर
आज भी रखी है
यूं तो नाम दिल पर
अमिट लिखा जा चुका है लेकिन
आज जब तुम मेरे साथ नही हो
मेरा एकाकीपन
मुझे झकझोरता है
और तब मै
उस मुट्ठी भर रेत पर
तुम्हारा नाम लिख लेती हूं
और तब एकाएक
तुम्हारे प्यार समर्पण और
अपनेपन के एहसास को
भीतर तक महसूस कर
जीवन्तता पाती हूं और
आगे बढ़ने के लिए कही अधिक
सक्षम हो जाती हूं ।
5.अकेलापन
जिन्दगी
अंधेरी रात का सफर
सब चल रहे है
यहां बेखबर
तन्हाई का एहसास
गुम हो जाने का खौफ
मिट जाने की घबराहट
अगले पल क्या होना है
न किसी को कोई खबर
न इसकी कोई आहट
ऐसे मे जब कोई
आवाज देता है
मोहब्बत से
किसी रिश्ते से
कम हो जाता है
अकेलेपन का एहसास
अंधेरे मे कोई पुकार ले
तो दिल को एक
इत्मीनान सा आता है
वरना
अंधेरा और अकेलापन
बहुत अखरता है ।
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