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» » आदिल रशीद (दिल के पन्ने ) Aadil Rashid (Dil ke Panne )




गिर के उठ कर जो चल नहीं सकता
वो कभी भी संभल नहीं सकता

तेरे सांचे में ढल नहीं सकता
इसलिए साथ चल नहीं सकता

आप रिश्ता रखें, रखें न रखें
मैं तो रिश्ता बदल नहीं सकता

वो भी भागेगा गन्दगी की तरफ़
मैं भी फितरत बदल नहीं सकता

आप भावुक हैं आप पाग़ल हैं
वो है पत्थर पिघल नहीं सकता

इस पे मंज़िल मिले , मिले न मिले
अब मैं रस्ता बदल नहीं सकता

तुम ने चालाक कर दिया मुझको
अब कोई वार चल नहीं सकता

About dil ke panne

Hi there! I am Hung Duy and I am a true enthusiast in the areas of SEO and web design. In my personal life I spend time on photography, mountain climbing, snorkeling and dirt bike riding.
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