जहाँ तक होगा जब तक होगा दिल बहलाएँगे हम भी
किसी दिन तो तुझे भूले से याद आजाएँगे हम भी
करेंगे हम कहाँ तक दूर की आवाज़ का पीछा
अभी एक मोड़ ऐसा आएगा पछताएँगे हम भी
कहीं भी ज़ीस्त के आसार दिखलाई नहीं देते
यही सूरत रही जो चंद दिन, घबराएँगे हम भी
अज़ब वहशत थी, घर के सारे दरवाज़े खुले रक्खे
हमें मालूम था इक रोज़ धोका खाएँगे हम भी
उस इक लम्हे के आने तक ग़मों को मुल्तवी रक्खें
वफ़ाएँ करके अपनी याद जब पछताएँगे हम भी
हौसला दिल का निकल जाने दे
मुझको जल जाने पिघल जाने दे
आँच फूलों पे न आने दे मगर
ख़सो-ख़ाशाक को जल जाने दे
मुद्दतों बाद सबा आई है
मौसमे दिल को बदल जाने दे
छा रही हैं जो मेरी आँखों पर
उन घटाओं को मचल जाने दे
तज़्किरा उसका अभी रहने दे
और कुछ रात को ढल जाने दे
ऐसे हिज्र के मौसम अब कब आते हैं
तेरे अलावा याद हमें सब आते हैं
जज़्ब करे क्यों रेत हमारे अश्कों को
तेरा दामन तर करने अब आते हैं
अब वो सफ़र की ताब नहीं बाक़ी वरना
हम को बुलावे दश्त से जब-तब आते हैं
जागती आँखों से भी देखो दुनिया को
ख़्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैं
काग़ज़ की कश्ती में दरिया पार किया
देखो हम को क्या-क्या करतब आते हैं
अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो
मैं अपने साये से कल रात डर गया यारो
हर एक नक़्श तमन्ना का हो गया धुंधला
हर एक ज़ख़्म मेरे दिल का भर गया यारो
भटक रही थी जो कश्ती वो ग़र्क-ए-आब हुई
चढ़ा हुआ था जो दरिया उतर गया यारो
वो कौन था वो कहाँ का था क्या हुआ था उसे
सुना है आज कोई शख़्स मर गया यारो
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