सम्राट पृथ्वीराज चौहान (दिल के पन्ने ) Prithviraj hauhan (Dil ke Panne)
पृथ्वीराज चौहान जो कि वीर राजपूत योध्दा थे बचपन से ही वीर और तलवारबाजी के शौकीन थे। उन्होंने बाल अवस्था में ही शेर से लड़ाई कर उसका जबड़ा फार डाला था। पृथ्वीराज ने अपनी राजधानी दिल्ली का नवनिर्माण किया कहा जाता है कि पृथ्वीराज की सेना में 300 हाथी तथा 3,00,000 सैनिक थे, जिनमें बड़ी संख्या में घुड़सवार भी थे। तराइन का प्रथम युद्ध (गौरी की पराजय) — थानेश्वर से 14 मील दूर और सरहिंद के किले के पास तराइन नामक स्थान पर यह युद्ध लड़ा गया। तराइन के इस पहले युद्ध में राजपूतो ने गौरी की सेना के छक्के छुड़ा दिए। गौरी के सैनिक प्राण बचा कर भागने लगे।

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