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» » ड्रॉ सुजीत शौक़ीन(दिल के पन्ने ) Dr sujeet.shokeen (Dil ke Panne )



पगले  अड़े  हैं जो  भी  सयानों के सामने
दो पल भी टिक न पाएँगे जुमलों के सामने

मुर्गों से कौन लेता है अब सुबह की ख़बर
जाहिल  हैं  बाँग दे  रहे  तोपों के सामने

करने लगीं हैं मेंढकी अब शेर का शिकार
तुकबंदियाँ फुदक रहीं ग़ज़लों के सामने

दो शेर........
बुझा के  सोता हूँ गर  रात जलते टी वी को
तो सुबह,सुबह का,अखबार जलने लगता है

न जाने लफ़्ज़ों में क्या फूँक देते हैं कमज़र्फ़
कि सुनने  वाले का किरदार जलने लगता है


तरन्नुम के अलावा अब मिलेगा क्या तराने में
गज़ल बनने लगी दिन रात अब तोे कारखाने में

जियादा हो जहाँ अशआर से औक़ात चेहरों की
भलाई है वहाँ से गज़लों की गठरी उठाने में



About dil ke panne

Hi there! I am Hung Duy and I am a true enthusiast in the areas of SEO and web design. In my personal life I spend time on photography, mountain climbing, snorkeling and dirt bike riding.
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